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JSSC के विरोध में अभ्यर्थियों ने ट्विटर पर छेड़ा हैच टैग अभिय़ान, मीम्स भी जारी किये

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द फॉलोअप डेस्क 

झारखंड में दिसंबर, 2022 में आशुलिपिक प्रतियोगिता परीक्षा को उस समय रद्द कर दिया गया था, जब अभ्यर्थी परीक्षा दे रहे थे। इसके विरोध में अभ्यर्थियों की ओर से ट्विटर पर #JSSC_सिचवालय_स्टेनो_जारी_करो अभियान चलाया गया। सोशल मीडिया पर चले अभियान को हजारों की संख्या में लोगों ने समर्थन दिया है। बता दें कि ये आशुलिपिक प्रतियोगिता परीक्षा JSSC की ओऱ से झारखंड सचिवालय की रिक्तियों को भरने के लिए ली जा रही थी। लेकिन इसे झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर उस समय रद्द कर दिया गया था, जब उम्मीदवार परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा देने पहुंचे हुए थे। हाईकोर्ट ने झारखंड सरकार को परीक्षा से संबंधित नियमावली में कुछ सुधार करने का आदेश दिया था। साथ ही कहा था कि इस परीक्षा का विज्ञापन फिर से प्रकाशित करे। लेकिन इस परीक्षा का दोबारा विज्ञापन नहीं निकाला गया। इससे राज्यभर के उम्मीदवारों में आक्रोश है। 

 

नये विज्ञापन कैलेंडर में नहीं किया गया परीक्षा का जिक्र 

कुछ अभ्यर्थियों ने मौखिक तौर पर बताया कि JSSC की ओर से 21.04.2023 को विज्ञापनों के लिए परीक्षा कैलेंडर प्रकाशित किया गया। इसमें सभी तरह की रद्द परीक्षाओं के लिए विज्ञापन निकालने की तिथि प्रकाशित की गयी। लेकिन जून 2022 में रद्द की गयी आशुलिपिक परीक्षा का इसमें जिक्र नहीं किया गया। इस संबंध में अभ्यर्थियों ने झारखंड के कार्मिक सचिव से मिलने का प्रयास किया, लेकिन सचिव ने मिलने से इनकार कर दिया। साथ ही मुख्य सचिव और अन्य संबंधित अधिकारियों से मिलने का समय मांगा गया, लेकिन अधिकारी बराबर मिलने से कतराते रहे। वे अभ्यर्थियों को मिलने के बदले तारीख पर तारीख देते रहे। इस दौरान छह माह का समय बीत चुका है। इससे अभ्यर्थियों में हताशा और आक्रोश है। 

इन नेताओं को किया टैग 

अभ्यर्थियों ने बताया कि JSSC_सिचवालय_स्टेनो_जारी_करो हैच टैग से उन्होंने सीएम हेमंत सोरेन, चंपई सोरेन, बाबूलाल मरांडी और अंबा प्रसाद सरीखे नेताओं को जोड़ा है। इस संबंध में अलग-अलग मीम्स भी जारी किये गये हैं। अभियान के दौरान एक छात्र ने सीएम हेमंत सोरेन और मुख्य सचिव से कहा है कि आप चाहें तो हमारी पीड़ा को चुटकियों में दूर कर सकते हैं। वहीं एक यूजर ने लिखा है, “अगर कार्मिक सचिव हमारी अपील को JSSC को भेजते हैं, तो उनको मैं मिठाई खिलाऊंगा।“